कालिम्पोंग

अलग राज्य गोर्खाल्याण्ड के मांग में आन्दोलनरत पहाड़ के दल अपमे मुख्य मुद्दा से पीछे जाने के चलते इस मुद्दा को दवाने में राज्य सरकार को मदद मिलने की बात गोर्खाल्याण्ड राज्य निर्माण मोर्चा(गोरानिमो) के  अध्यक्ष दावा पारखिन ने आज कहा हे । पार्टी प्रमुख दावा पाखरिन ने आज यहाँ के हिल-टप में अवस्थित पार्टी कार्यलय में एक पत्रकारसम्मेलन के आयोजन कर्के पाक्रिन ने कहा की पहाड़ के आन्दोलनरत दल कभी अलग राज्य के मुद्दा को छोडकर युटी, जीटीए अनि सिक्किम विलय के बात करते हे। गोरनिमो का एक मात्र लक्ष्य गोरखालैंड हे एवं अलग राज्य के मुद्दा प्रति गम्भीर रहने की बात पाक्रिन ने कहा । हाल में दिल्ली में सम्पन्न हुए सेमिनार द्वारा युटी के मुद्दे में घुमने का बिरोध करते हुए पाक्रिन ने कहा ऐसे विकल्प खोजने के चलते हमारे अलग राज्य के मुद्दा के स्तर घट्कर जा रहा हे। पत्रकार स्वराज थापा के दल ने दिल्ली के सेमिनार में उलटी बात करने का आरोप लगाया हे । पत्रकारो बात करते हुए पाक्रिन ने कहा की अलग राज्य के मांग में आगामी दिसम्बर महिना के प्रथम सप्ताह में दिल्ली में गोरनिमो धरना प्रदर्शन में भाग लेगा। फेडेरेशन फर न्यु स्टेट के ब्यानर में 2 दिसम्बर से उक्त धरना संपन होगा , फेडेरेशन ने गोर्खाल्याण्ड के मांग को प्रथम पन्थी में रकने की जानकारी गोरनिमो अध्यश ने दिया । दिल्ली में हाल में पार्टी के सयोजक नियुक्ति करने के बाद अब दिल्ली में पार्टी का तीब्र गति में संगठन विस्तार होने के क्रम में अब से अलग राज्य के मांग में दल के प्रतेक कार्यक्रम को दिल्ली केन्द्रीत करने की जानकारी पाक्रिन ने दिया । आन्दोलन दबाने के लिए राज्य सरकार के दमन नीति के आलोचना करते हुए पाक्रिन ने कहा  पहाड़ के  सरकारी कर्मचारी वर्ग के बेतन काटकर सरकार ने पहाड़ के अर्थव्यवस्था में समस्या उत्पन्न करने का आरोप लगाया। विगत में वामपन्थी सरकार के विरुद्ध में जब भी तृणमूल कंग्रेस ने ले आन्दोलन करते हुए बन्द बुलाया तब सरकार ने कभी भी कर्मचारीयो के  बेतन काट्ने का काम नहीं किया इतना ही नहीं 86 के  आन्दोलन में  सीपीएम सरकार ने कभी कर्मचारी वर्ग के बेतन नहीं काटा पर अब राज्य में मुख्यमन्त्री ममता ब्यानर्जी  एकल साशन चलाकर मन मर्जी करने का  आरोप उन्होंने लगाते हुए कर्मचारी को ज़ल्द से ज़ल्द पुरे बेतन देने की मांग किया हे । इसके लिए  दल के पक्ष से सरकार को एक ज्ञ्यापन पत्र चड़ाने की जानकारी उन्होंने दिया । हाल बन्दी जीवन बिता रहे मोर्चा सभासद एवं कार्यकर्ता के पक्ष लेते हुए सरकार समक्ष बन्दी आन्दोलनकारी को बिना शर्त रिहा करने की मांग भी उन्होंने किया हे ।