कालिम्पोंग

यदि मोर्चा इमानदार के तो ज़ल्द से ज़ल्द जीटीए सभा के बैठक बुलाकर आधिकारिक रुप में गोर्खाल्याण्ड के प्रस्ताव पारित कर पहले सरकार को भेजे उसके बाद जीटीए को ख़ारिज करने का प्रस्ताव पारित ग्रहण करे। अगर अब फिर  विकास के बात होता रहा तो हम समर्थन नहीं करंगे आज उक्त बात क्रामाकपा पार्टी के अध्यश पूर्व संसद एवं गोरखालैंड जॉइंट एक्शन कमिटी के उपाध्यक्ष आरबी राई ने आज कालिम्पोंग में पत्रकारों से बात करते हुआ कहा । कालिम्पोंग आञ्चलिक समिति के दलीय कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मलेन में क्रामाकपा अध्यश ने आज जीटीए के सम्बन्ध में क्रामाकपा के टेक को स्पष्ट किया हे । गोजएक एवं क्रामाकपा  मोर्चा को जीटीए के लिए हमेशा के लिए समर्थन नहीं करने वाला । जीटीए के पुर्नगठन करके जीटीए सभा में गोर्खाल्याण्ड के प्रस्ताव लाने से उचित होगा । उक्त प्रस्ताव स्वंय मोर्चा ने १२ अगस्त के दिन दार्जीलिंग में संपन सर्वदलीय बैठक में कहा था जिसके बाद मात्र गोजएक बना था। अगर ऐसा नहीं हुआ तो जीटीए गोर्खाल्याण्ड के मार्ग में बाधा हे हम उसी टेका में रहेंगे । राई ने कहा ये वक्त मोर्चा के इमान्दारिता दिखाने हेतु परीक्षा की घडी हे। हाल तक गोर्खाऔ द्वारा दिया गया त्याग, वलिदान कष्ट के पर्वाह नहीं करते हुए अगर मोर्चा वापस विकासमुलक कार्या में ही केन्द्रित हुए तो वो गोजएक के मूल उद्देश्य गोर्खाल्यान्ड के विरूद्ध होने की बात आज क्रामाकपा पार्टी ने स्पष्ट कह दिया हे । राई ने आगे कहा की गोजएक गठन करने के मूल उद्देश्य गोर्खाल्यान्ड रह्ने के चलते ज्याक के साझा निर्णय ही सभी को स्वीकार्य होना चाहिए । जो उस निर्णय को स्वीकार नहीं करते या ज्याक अधीन दलो के विचार नहीं मिलते तो वो दल ज्याक से अलग होकर जाने की बात राई ने आज कहा । राइ ने आज ये भी साफ़ किया हे की यदि मोर्चा बिस्वास तोड़कर जीटीए में रहते हे तो भी गोजएक के अस्तित्व पर कोई संकट नहीं आएगा । मोर्चा गोजएक से यदि निकलने का मन बनता हे तब भी  क्रामाकपा पार्टी अकेले इस आन्दोलन को निरन्तरता देने के संकेत राइ ने दिया । वही हाल में मोर्चा प्रमुख विमल गुरुङ ने ज्याक से बहार होने के बयान के सन्दर्भ में कहा की सौ पैर होने वाले के यदि एक पैर टूट जाये तो उसको कोई फरक नहीं पड़ता । पर गिनती में मात्र फरक पड़ेगा। राइ ने गोजमुमो जीटीए में जाने के बाद ज्याक त्यागने की स्तिथि में भी ज्याक को ज्यादा फरक नहीं पड़ने साथ ही क्रामाकपा पार्टी आन्दोलन को नेतृत्व देने के सक्षम रहने के संकेत दिया हे । अलग राज्य गोर्खाल्याण्ड के  आन्दोलन में हाल तक एक नहीं हो सकने वाले राजनैतिक दल, व्यक्ति विशेष आदि सभी को एकत्रित करना जरुरी रह्ने की बात कहते हुए राइ ने कहा । वही क्रामाकपा केन्द्रिय प्रवक्ता गोविन्द छेत्री ने कहा की सर्वभारतीय स्तर से  अलग राज्य के लिए  गोर्खा जाती सडक में उतरने के समय मोर्चा यदि जीटीए में रहते हे तो ये समस्त गोर्खा के लिए महाधोका होगा । क्रामाकपा के सिद्दान्त अलग राज्य के लिए सभी दलों  को एक करना हे। अगर ऐसा नहीं होता तो एक बिचार मिलने वाले एक होकर आन्दोलन को आगे लेकर जाना होगा । यदि वो भी पनि सम्भव नही होता तो अलग अलग होने के बाबजूद सभी दलों के एक मात्र  साझा मुद्दा होना होगा । अगर कोई भी बात संभव नहीं होता तो अन्तिम समय तक क्रामाकपा एकेले गोर्खाल्यान्ड के लिएलड़ता रहेगा । संवाददाता सम्मेलन अवधि क्रामाकपा केन्द्रीय सह-सचिव नर्बु लामा लगायत आञ्चलिक समिति के प्रतिनिधि उपस्तित थे |