कालिम्पोंग
पहाड के शैक्षिक संस्थानो में कार्यरत शिक्षक शिक्षिका को आये कारण बताऊ नोटिस के ऊपर प्रश्न खडा करते हुए जेएसटीओे इस का जवाब हाल में नहीं देने के पक्ष में रहने की जानकारी जेएसटीओ केन्द्रिय समिति प्रसार प्रचार सचिव भीषण रोका ने दिया हे । माध्यमिक, उच्चत्तर माध्यमिक एवं १३१ गैरसरकारी विद्यालय को लेकर जेएसटीओ केन्द्रिय समिति के दार्जीलिङ ६ माइल सामुदायिक भवन में संपन हुए  एक महत्वपूर्ण बैठक में उक्त कारण बताऊ नोटिस ऊपर व्यापक रूपमा चर्चा परिचर्चा करने की जानकारी देते हुए रोका ने नोटिस पर ही स्पष्टिकरण माग्ने का सभा में  निर्णय लिए जाने की बात कही।  इसके अलावा कारण बताऊ नोटिस के जवाब देने पर भी सामूहिक अर्थात् एक ही प्रकार के जवाब देने का प्रस्ताव उक्त बैठक में पारित किया गया । रोका ने कहा नोटिस जीटीए के शिक्षा विभाग के कार्यकारी निर्देशक के तरफ से आया हे तथापि उक्त नोटिस भेजने का काम राज्य सरकार ने भेजा हे । रोका ने कहा की राज्य सरकार ने प्रशासनिक, वित्त एवं कार्यकारी क्षमता जीटीए को हस्ताण्तरण कर चूका हे । हाल जीटीए सञ्चालन में नहीं हे । जीटीए प्रमुख भी नहीं हे । तो किस आधार में उक्त कारण बताऊ नोटिस भेजने का काम हुआ ? क्या उक्त नोटिस भेजने में कही कोई गल्ती तो नहीं हुआ ? उक्त प्रश्न रोक ने किया ।
रोका ने कहा की एक तरफ १३ सेप्टेम्बर से पहाड़ के विद्यालयो में पठन पाठन शुरू हो चूका हे तो वही दूसरी तरफ कारण बताऊ नोटिस आने का क्रम शुरू हुआ ।
आए हुए नोटिस में कोई भी टिकाना उल्लेख नहीं हे । इसके अलावा  नोटिस में कई बातो में शक पैदा होता हे , सभी गैरसरकारी विद्यालय को आकिरकार क्यों उक्त नोटिस भेजा गया । विद्यालय में शिक्षक को बर्खास्त करने का या कारण बताऊ नोटिस देने का सर्वप्रथम अधिकार म्यानेजिङ कमिटी को होता हे एवं इस प्रकार के नोटिस भेजना ही था तो वो काम  म्यानेजिङ कमिटी करते । रोका ने बंद में पढाइ में हुए  घाटा के भरपाई करने के लिए  शनिबार भी  स्कूल लगने की जानकारी देते हुए पढाइ के भरपाई के करने सरकारी छुट्टी , पर्व की छुट्टी को भी अन्त करने की जानकारी दिया । इसके अलावा शीतकालीन छुट्टिया को  मिलाकर पठन पाठन करके नुकसान हुए अध्ययन को पूरा करने का संकेत दिया। उक्त सभा में  जेएसटीओ केन्द्रिय समिति,जेएसटीओ महकमा समिति एवं १३१ गैरसरकारी विद्यालय प्रमुख की उपस्थिति दर्ज किया गया था |