कालिम्पोंग

कालिम्पोंग में पैराग्लाइडिंग
कालिम्पोंग में पिछले ८ साल से हवा से लोगो की बात करने वाले साहसिक पर्यटन के रूप में बिकशित हो चुके पैराग्लाइडिंग भी इतिहास बनाने के कगार में पहुंचने वाला हे । दरसल हाल डेलो एवं साइंस सेंटर के बीच के इलाके जहा से कालिम्पोंग के ४ पैराग्लाइडिंग एजेंसी के ग्लाइडर उड़ान भरते एवं लैंड भी करते हे वो जगह में आईटीआई कॉलेज के सर्वे से ही एजेंसी के मालिक एवं संगलन कर्मचारी के रातो की नींद एवं दिन के चैन छीन लिया हे । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त जगह में बिभाग की नज़र पद चुका हे जिसके कारण यदि वहा कोई भी निर्माण होता हे तो कालिम्पोंग में पैराग्लाइडिंग इतिहास बन जायेगा । आईटीआई बनाने के लिए आज सुबह भी ज़मीन के टेस्टिंग के लिए लोग आये थे जिसने एजेंसी के डर और बड़ गया हे । कालिम्पोंग में साहसिक पर्यटन के रूप में नदी से बाते करने वाले राफ्टिंग भी तीस्ता नदी में जल बिद्युत परियोजना के निर्माण से लगभग इतिहास होने के कगार में पहुंच चूका हे तो वही अब हवा में उड़ान भरने वाले पैराग्लाइडिंग के अंजाम भी वैसे ही होने की हालत दिख रहे हे । सूत्रों से मिली जानकारी के तहत २०११ साल में ही बिभाग की नज़र उक्त ज़मीन में पद चुका है ।  उक्त जगह चलने वाले हिमालयन ईगल पैराग्लाइडिंग में कार्यरत एक कर्मचारी अनूप सुणदास ने आज बताया की कालिम्पोंग के परिवेश में उक्त जगह मात्र से पैराग्लाइडिंग टेक ऑफ एवं लैंडिंग करने के लिए संभव हे पर यदि वह आईटीआई के लिए भवन निर्माण यदि हो जायेगा तो सबसे पहले जगह एवं बाद आईटीआई तक आने में लगने वाले बिद्युत के तार से पैराग्लाइडिंग संभव नहीं होने की जानकारी उन्होंने दिया । हाल कालिम्पोंग में हिमालयन ईगल , ट्यण्डम, कालिम्पोंग सोसाइटी एंड अल्पाइन पैराग्लाइडिंग में कर कुल चार एजेंसी पर्यटकों को पैराग्लाइडिंग करा रहे हे । इन चार एजेंसी से लगभग १५ परिवार निर्भर हे । मालिक कर्मचारी पायलट एवं कैमरामैन कर लगभग ३० व्यक्ति अपने परिवार चला रहे हे । सुन्दास ने बताया की मात्र पैराग्लाइडिंग के यहाँ पिछले कई सालो की तुलना में ४० % पर्यटकों की बृद्धि हुआ हे । हवा के सैर के साथ ही मनोरम दृस्य लेने के लिए पर्यटक का हुजूम हाल डेलो में देखा जा रहा हे । सिक्किम राज्य में प्याराग्लाइडिङ जैसे साहसिक पर्यटन को सरकार के द्वारा सहयोग देकर बडावा  दिने की बात कहते  हुए उन्होंने कहा की यहाँ इसको प्रमोट करने के वजाई उल्टा बन्द करने के अवस्था हो रहा हे । उन्होंने पर्यटकों को आकर्षण के केंद्र होने वाले इस रोजगार को बचने के लिए सभी की मदद की अपील किया । वही इस समस्या पर जब जीटीए के उच्च शिक्षा के भार प्राप्त सभासद डॉ आर बी भुजेल से संपर्क कर पूछा गया तो उन्होंने इस बिषय पर कोई जानकारी नहीं होने की बात बताते हुए गौरीपुर हाउस इलाके में पॉलिटेक्निक कॉलेज निर्माण करने की बात आज बताया ।  वही कालिम्पोंग बीएलआरओ से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा की साइंस सेंटर के समीप की २ अकेर ज़मीन आईटीआई बनाने के लिए २०११ साल में भी सर्वे कर म्युटेशन भी कर दिया गया हे । पहले भी तब के प्रशाशक अनिल वर्मा साथ ही कई अधिकारियो ने उक्त जगह सर्वे कर अपनी रिपोर्ट कलकत्ता स्तिथ जॉइंट सेक्रेटरी में  देने के बाद ही उक्त ज़मीन की म्युटेशन कर हाल साइल टेस्टिंग का काम चल रहे हे । राज्य सरकार के उक्त प्रोजेक्ट के चलते सम्भवता कालिम्पोंग में पैराग्लाइडिंग भी इतिहास बनाने के कगार में पहुंचने वाला हे ।