कालिम्पोंग
कल से दार्जीलिङ के जलपहाड में होने वाले
सेना की भर्ती के लिए जाने वाले कालिम्पोंग के युवा वर्ग गाड़ी के कमी के चलते व्यापक परेशानी में
देखे गये | कालिम्पोंग से दार्जीलिंग जाने के लिए
मोटर स्टैंड में एक सिंडिकेट
हे जहा से हर
रोज गाड़ी मिलता हे पर आज जब गाडियों का अभाव देखने को मिला तब सेण्डिगेट ने आज हाथ खड़े कर लिए । इतना ही नहीं सिंडिकेट में गाड़ी
काम होने के चलते
आज अन्य गाडियों में कई युवा यो ने डबल भाडा देकर भी जाते देखे गये । बेरोजगारी समस्या
दिन दिन विकराल रूप लेने के समय युवा वर्ग के लिए सेना,पुलिस के
भर्ती शिविर बड़ी राहत लेकर आती हे । कुछ दिन आगे खबर में आने के बाद कल दार्जीलिंग
में होने वाले भर्ती सिविर में भाग लेने हेतु कालिम्पोंग के अलावा दूर दरास इलाके से बेरोजगार युवा
वर्ग जब यहाँ आते हे तो गाड़ी के आभाव के चलते अपनी
किस्मत को कोसने के सिवाय अन्य
कोई चारा नहीं होता । खण्ड-२ अलगडा अन्तर्गत सन्तुक के सुनील राई जो कल
की भारती में बाह्ग लेने के लिए आज कालिम्पोंग पहुचे तो उन्हें यहाँ से दार्जीलिङ जाने के लिए गाडी नहीं मिला
। उसी तरह भूटान बॉर्डर के समीप जलढका निवासी प्रभात तामाङ जो पहले करीब १२० किलोमीटर की यात्रा कर
आज कालिम्पोंग
पहुचने पर जब सिंडिकेट में आकर टिकेट माँगा तो गाड़ी नहीं हे का जवाब सुनने को मिलकर आफत में पड़ गया ।
एक तरफ बेरोजगारी तो दुसरे तरफ सेना में जाकर देश सेवा एवं लगायत घर परिवार के आर्थिक स्थिति सुधरने की
आस लेकर बेरोजगारों
की जमात आज दार्जीलिंग सिंडिकेट के बाहर देकने को मिला । सिंडिकेट के एक चालक ने बताया
की कालिम्पोंग से दार्जीलिंग रोज करीब १०
से -१२ गाड़िया जाती हे पर आज १२ बजे तक २२ गाड़ी दार्जीलिंग जा चुकी हे । १२ बजे से
पहले कालिम्पोंग सिंडिकेट की गाड़ी दार्जीलिंग जाती हे तो दुसरे दौर में दार्जीलिंग
से आई गाड़िया जाती हे । कई दफे यात्री की कमी के चलते कालिम्पोंग से भेजी गये
ज्यादा गाड़िया दार्जीलिंग में पैसेंजर के आभाव में खाली आना पड़ता हे । पर जब भी
यात्री बड़ जाते हे तो उनको जैसे तैसे
दार्जीलिंग भेजने में सिंडिकेट कोई कसार नहीं छोड़ता हे | जब बंद के वक्त सरकार आम जनता को समस्या न हो इसको ध्यान में रखते
हुए राज्य परिवहन निगम की बसे चलाया था तो
क्यों जब भी दार्जीलिंग में पुलिस या सेना या परीक्षा का दिन होता हे तो क्यों
नहीं सिंडिकेट जनता के समस्या पर ध्यान नहीं देते ? आज
एक युवक ने कहा |
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